प्रिय विद्यार्थियों
किसी भी समाज की प्रगति उसकी उन्नतिशीलता को प्रकट करती है, वहीं एक सुसंस्कारित समाज की नींव शिक्षा की मजबूती पर निर्भर करती है। आज के परिवेश में शिक्षा के आयामों में लगातार बदलाव होते जा रहे हैं। विकास के प्रतिमानों को संपुष्ट करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक है, उच्च शिक्षा। अगर राष्ट्र का समग्र विकास करना है तो पढ़े-लिखे समाज के गुणी लोगों को नेतृत्व संभालना ही होगा। सुशिक्षा के रास्ते ही विकसित समाज की परिकल्पना को मूल रूप दिया जा सकता है। समाज में शिक्षा के वर्चस्व को कायम रखने के लिए जहां पारंपरिक माध्यमों का सहारा लिया जाता रहा है वहीं वर्तमान परिवेश में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा माध्यम ने शैक्षिक प्रचार-प्रसार में अपना सशक्त हस्तक्षेप प्रदान किया है। देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में दूरस्थ शिक्षा ने अपना एक मुकाम बना लिया है, जिससे लाखों-करोड़ों लोग शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । इस व्यवस्था ने शिक्षा के प्रति एक विशेष आकर्षण और अनुराग पैदा किया है। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने भी राष्ट्र के समग्र विकास में उच्च शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका को लेकर अनेक मूल्यवान दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। इसी श्रंखला में मुक्त शिक्षा पद्धति को भी प्रश्रय दिया गया है।
सम्पूर्ण विश्व का अनुभव दर्शाता है कि ऐसे लोग जो किसी न किसी रूप में पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था का लाभ उठाने से वंचित रह गए हैं, उन्हें अब मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा पाने का फायदा मिल रहा है। दूरस्थ शिक्षा माध्यम के व्यापक दर्शन की पृष्ठभूमि पर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की स्थापना 23 जुलाई 1987 को की गई थी। जो आज विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धक व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्ध है। सात क्षेत्रीय केन्द्रों और 83 अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से यह विश्वविद्यालय आज प्रगति के नए आयाम तय कर रहा है। राजस्थान के सभी 33 जिलों में हमारा अच्छा नेटवर्क है और हम यहाँ के ढाणियों, गावों तथा शहरो में अपनी पहुंच बना चुके हैं । यह देश का तीसरा सबसे बड़ा राजकीय खुला विश्वविद्यालय है। वर्तमान सत्र में एक लाख पच्चीस हजार (125000) से ऊपर विद्यार्थी यहां अध्ययनरत हैं। हर सत्र में विद्यार्थियों की संख्या में उत्तरोतर वृद्धि हो रही है। विश्वविद्यालय लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। परीक्षाओं का संचालन भी समय से सकुशल किया जा रहा है। माननीय कुलाधिपति महोदय की आशा के अनुरूप विद्यार्थियों के लिए साइबर लॉ, योग, न्यू मीडिया तथा पत्रकारिता जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। समाज के हर वर्ग को सस्ती और सुलभ शिक्षा प्रदान करने में हमारा विश्वविद्यालय कटिबद्ध एवं तकनीक के जरिए घर बैठे ही विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। “मूडल और मूक्स” के जरिए विद्यार्थियों के अनेक समूह एक प्लेटफार्म पर अपनी शंकाओं का समाधान कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यू.जी.सी.) और दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो (डी.ई.बी.) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश और परीक्षा संबंधी आवेदनों को ऑनलाइन संपादित करने की सुविधा प्रदान की है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट vmou.ac.in जानकारियों से भरपूर है। प्रश्नबैंक, वीडियो लेक्चर के अलावा असाइनमेंट और किताबों के पीडीएफ वर्जन इस वेबसाइट पर मौजूद हैं, जिसका लाखों विद्यार्थी लाभ उठा रहे हैं।
विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को निरंतर गति प्रदान करने के लिए सेमिनार, वर्कशॉप और संगोष्ठियां लगातार आयोजित की जा रही हैं। विश्वविद्यालय का विजन अपने आप में बहुत स्पष्ट एवं महत्वपूर्ण है जो उच्च शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होता है । विश्वविद्यालय का विजन निम्नानुसार उद्घोषित किया गया है :
The Open University in Rajasthan was initiated;
उपरोक्त विजन को प्रभावी रूप से साकार करने के लिए विश्वविद्यालय परिवार कटिबद्ध है , जिससे विश्वविद्यालय का नाम न केवल राज्य स्तर पर अपितु राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना पायेगा ।
आपके उज्ज्वल एवं मंगल जीवन की कामनाओं के सहित।
प्रो०(डॉ०) आर. एल. गोदारा
कुलपति
Prof. (Dr.) R. L. Godaraa
Vice Chancellor